Motivational Story: हिम्मत से बचाव

जब अरुण छोटा था, तो वह बहुत आलसी और कभी कभी डरता भी था। जब कभी नई चीजों की बात आती थी, तो अरुण सोचता ही रह जाता था। वह कुछ भी नए काम करने से पहले बहुत सावधानी बरतता था। कई चीजों को करने से अरुण बहुत डरता था।

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हिम्मत से बचाव

Motivational Story हिम्मत से बचाव:- जब अरुण छोटा था, तो वह बहुत आलसी और कभी कभी डरता भी था। जब कभी नई चीजों की बात आती थी, तो अरुण सोचता ही रह जाता था। वह कुछ भी नए काम करने से पहले बहुत सावधानी बरतता था। कई चीजों को करने से अरुण बहुत डरता था। लेकिन उसकी बड़ी बहन और भाई किसी बात से नहीं डरते थे। बह बहुत बड़े और मजबूत थे लेकिन अरुण छोटा था। वह दोनों समझते थे कि समय के साथ गुजरते सालों में क्या करना चाहिए लेकिन अरुण अभी भी छोटा था और उसके मन में कुछ डर थे। (Motivational Stories | Stories)

एक दिन जब वह तीनों चढ़ाई करने के लिए गए, तो अरुण ने ऊपर ना चढ़ने का फैसला किया जबकि उसके भाई बहन ऊपर चढ़ाई चढ़ते गए। उसके भाई बहन ऊपर नीचे स्केटिंग करते रहते थे लेकिन अरुण स्केट पर खड़े होने से भी डरता था। जब वह लोग स्विमिंग पूल में जाते थे तो उसके भाई बहन जल्दी पूल में घुस जाते थे, लेकिन जब धीरे धीरे करके अरुण पूल में घुसता था तो स्विमिंग का समय खत्म हो जाता था। (Motivational Stories | Stories)

इसी तरह अरुण कुछ चीजों को करने से बहुत डरता था। उसके भाई और बहन उसके इस डर पर...

इसी तरह अरुण कुछ चीजों को करने से बहुत डरता था। उसके भाई और बहन उसके इस डर पर मज़ाक उड़ाते थे। वह अरुण से कुछ ऐसी  बातें बोलते थे कि अरुण को वह सुनना अच्छा नहीं लगता था। वह उसे डरपोक कहते थे जो अरुण को बिलकुल पसंद नहीं थी। वह बहादुर बनने की कोशिश करता था, लेकिन वह उन दोनों को नज़र नहीं आता था। (Motivational Stories | Stories)

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एक दिन वह तीनों पहाड़ों में घूमने के लिए गए। अरुण अपने भाई बहन के पीछे पीछे आराम से जा रहा था। तभी उन तीनों को अपने आसपास एक जानवर की डरावनी आवाज़ सुनाई दी। उस आवाज़ से वह इतना डर गए कि वह रोने लग गए। अरुण के भाई और बहन बहुत डर गए। तभी एक लोमड़ी पेड़ के पीछे से बाहर निकलकर आई। वह तेज़ तेज़ भागने लग गए क्योंकि लोमड़ी उनका पीछा कर रही थी लेकिन अरुण नहीं भागा। वह अपनी जगह पर खड़ा रहा। अरुण ने अपने चेहरे पर गुस्से जैसा भाव बनाया। उसने उस वक्‍त अपने डर को बयां नहीं होने दिया और लोमड़ी ने जब अरुण को देखा तो वह उसे बच्चा नहीं लग रहा था। अरुण लोमड़ी पर चिल्‍लाया और लोमड़ी की तरफ मुड़ा। लोमड़ी अरुण से इतना डर गई कि वह पेड़ों के पीछे भाग गई। लोमड़ी को भागते देख अरुण को लगा कि उसने ठीक किया है। जब अरुण के भाई बहन ने उसे यह करते देखा तो
वह समझ गए कि अरुण उन दोनों से ज़्यादा बहादुर है। (Motivational Stories | Stories)

उन दोनों ने अरुण को शुक्रिया कहा और उसकी बहादुरी की सराहना की। अरुण ने अपने डर का सामना किया और मजबूत होना सीखा। वह फिर समय के साथ बहादुर होता गया। हालांकि हर दिन उसमें हिम्मत और साहस नहीं होता था लेकिन अब वह पहले की तरह चीजों से दूर नहीं भागता था। अब उसके भाई बहन उसे गलत नामों से नहीं पुकारते थे और अरुण के साथ अच्छे से बात करते थे। (Motivational Stories | Stories)

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